Thursday, June 6, 2013

मुझे जब भी वक्त मिलता है मैँ एक कविता लिखता हूँ॥

मुझे जब भी वक्त मिलता है
 मैँ एक कविता लिखता हूँ॥
कभी जिँदगी मे डूब के लिखता हूँ
 कभी जिँदगी से ऊब के लिखता हूँ
  कभी अपने बचपन पे लिखता हूँ
कभी उम्र पचपन पे लिखता हूँ
 कभी लडकपन पे तो
 कभी बडप्पन पे लिखता हूँ

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